वट सावित्री व्रत 2018 : जानें महत्व एवं पूजा विधि
दोस्तों, वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म के विशेष व्रतों में से हैं| जिसे सुहागन महिलायें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करती हैं, और जिन महिलाओं को संतान सुख नहीं हैं वो भी इस व्रत को पूरी श्रद्धा से कर संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं| यह व्रत जयेष्ट कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता हैं| इस दिन सुहागन महिलायें वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं| इसे वरदगाई पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं|
वट सावित्री व्रत 2018 : जानें महत्व एवं पूजा विधि
दोस्तों वट सावित्री पूजा का सुहागन महिलाओं के लिए बहुत महत्व हैं| इसदिन सुहागन महिलायें अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं| ऐसा कहा जाता हैं कि वट सावित्री वाले दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से पुनः वापस ले आयी थी तभी से इस दिन को वट सावित्री व्रत के रूप में पति की लम्बी आयु के लिए मनाया जाता हैं|
दोस्तों, इस व्रत में बरगद के पेड़ का बहुत महत्व हैं| बरगद के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रहमा,विष्णु और महेश का वास होता हैं| बरगद के वृक्ष में अनेक शाखाएँ लटकी होती हैं, इन्हे सावित्री का रूप माना जाता हैं| इसलिए इसदिन इस वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती हैं और सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं|
वट सावित्री व्रत पूजा विधि :
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