निर्जला एकादशी व्रत 2018, जानें महत्व व पूजा विधि मिलेगा 24 एकादशियों का फल
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार साल भर में 24 एकादशी होती है| लेकिन अधिक मास की एकादशियों को मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है| हिन्दू धर्म में एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है| ऐसी मान्यता है कि दिन पूजा-पाठ, व्रत, उपवास और दान आदि करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को मोक्ष मिलता है|
निर्जला एकादशी कब मनाई जाती है?
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है| इस व्रत को भीम ने शुरू किया था अपने गुरु व्यास जी के कहने पर इसलिए इसे भीमसेनी व पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है|
निर्जला एकादशी व्रत के लाभ -
निर्जला एकादशी का व्रत करने से साल भर की 24 एकादशियों का फल मिलता है| जो लोग वर्ष भर की एकादशी का व्रत न कर सके वो इस निर्जला एकादशी का उपवास करके पूरे 24 एकादशी का फल प्राप्त कर सकते है| इस निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी तीर्थो में स्नान करने का फल मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है व्यक्ति को दीर्घायु होने का आशीर्वाद मिलता है और उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है|
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निर्जला एकादशी व्रत है सबसे कठिन -
निर्जला एकादशी का व्रत बहुत ही फलदायी है| निर्जला मतलब बिना जल व आहार के दिनभर का उपवास| निर्जला एकादशी बाकी एकादशी से सबसे कठिन मानी जाती है| क्योंकि दशमी की रात 12 बजे से लेकर एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को सूर्योदय तक जल और भोजन का त्याग करना होता है|
निर्जला एकादशी व्रत की सम्पूर्ण पूजा विधि -
ये सभी एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ होती है| इस व्रत को नर व नारी दोनों कर सकते है| जो लोग इस व्रत को निर्जल न रख सके तो वे फलाहार के साथ दूध का सेवन कर सकते है| निर्जला एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि करे सूर्य देवता को जल अर्पित करे फिर विष्णु भगवान की पूजा करे हो सके तो इस दिन पीले वस्त्र धारण करे| भगवान विष्णु की फोटो या प्रतिमा स्थापित करे,फिर विष्णु जी को जल व पीले फूल चढ़ाये तत्पश्चात फल और पंचामृत का भोग लगाए और विष्णुजी को तुलसीदल अर्पित करे| विष्णुजी को तुलसी अत्यधिक प्रिय है| फिर धूप दीप जलाये तत्पश्चात श्री हरी विष्णु के मंत्र ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय का जाप करे| इसदिन रात्रि जागरण करे विष्णु मंदिर जाकर भजन कीर्तन करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है| फिर दूसरे दिन स्नान दान करके व्रत का पारण करे|
निर्जला एकादशी का विशेष दान -
निर्जला एकादशी में दान का विशेष महत्त्व है| इसदिन जलभरा घड़ा दान करना विशेष फलदायी है और जरुरत मंदो को अन्न, धन, वस्त्र, जूता, छाता, दवा व पंखा गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाली चीजों का दान करे| इस व्रत को करने से सारे मनोरथ पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है|निर्जला एकादशी व्रत 2018 तिथि -
साल 2018 में निर्जला एकादशी व्रत 23 जून को मनाई जाएगी|
एकादशी तिथि : 23 जून 2018 दिन शनिवार
निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय : 24 जून 2018 दिन रविवार को 13:46 से 16:32 बजे तक किया जायेगा|
एकादशी तिथि प्रारम्भ : 23 जून 2018 को 03:19 बजे से होगा|
एकादशी तिथि समाप्त : 24 जून 2018 को 03:52 बजे तक होगा|
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